संदर्भ सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि पेशेवर के तौर पर वकीलों पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 (सीपीए) के तहत दोषपूर्ण सेवाएं देने के लिए कानूनी कार्यवाही नहीं की जा सकती। हालांकि, इसने मेडिकल पेशेवरों के लिए इसी तरह की दलीलों को खारिज कर दिया और फैसला किया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम वीपी शांता (1995) में दिए गए उसके फैसले को एक बड़ी बेंच को भेजा जाना चाहिए।
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